झांसी। सरकार द्वारा लेखपालों की हड़ताल को गैर कानूनी घोषित किया जा चुका है। बावजूद, हड़ताल जारी है। इस रवैये पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को जिले की चार तहसीलों के 173 लेखपालों के खिलाफ ब्रेक इन सर्विस की कार्रवाई अमल में लाई गई है। वेतन उच्चीकृत करने, पेंशन विसंगति दूर करने, राजस्व लेखपाल का पद्नाम उप राजस्व निरीक्षक किए जाने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल 13 दिसंबर से हड़ताल है। इससे राजस्व विभाग का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित बना हुआ है। आम जनमानस को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के आय, जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। इसके अलावा अन्य काम भी लटके हुए हैं। इसे दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने हड़ताल को गैर कानूनी घोषित कर दिया है। बावजूद, हड़ताल जारी है। इससे निपटने के लिए अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिले में 173 हड़ताली लेखपालों के खिलाफ ब्रेक इन सर्विस की कार्रवाई की गई है। इनमें सदर और मोंठ तहसील के 54-54, गरौठा के 42 और टहरौली तहसील के 23 लेखपाल शामिल हैं।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बी प्रसाद ने बताया कि लेखपालों को हड़ताल समाप्त करने की चेतावनी दी गई थी। बावजूद, नहीं माने, इस पर उक्त कार्रवाई अमल में लाई गई है।
18 लेखपाल लौटे काम पर
झांसी। सरकार के कड़े रुख को ध्यान में रखते हुए जिले के 18 लेखपालों ने अपने को हड़ताल से अलग कर लिया है और वे काम पर वापस लौट आए हैं। इनमें टहरौली तहसील के 12 और मोंठ के छह लेखपाल शामिल हैं। वहीं, सरकार की सख्ती के बाद भी उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपाल कार्य बहिष्कार कर धरने पर डटे रहे।
अन्सार खान पत्रकार
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